उत्तरकाशी: केदारनाथ धाम के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज खुल गए हैं. इस अवसर पर बड़ी संख्या में धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने यमुना मां के दर्शन कर सुख-समृद्धि के लिए मनौतियां मांगी. यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है. इसे चारधामों में प्रथम धाम माना जाता है.
खुल गए यमुनोत्री धाम के कपाट: शुक्रवार तड़के ही यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के लिए यमुना के शीतकालीन पड़ाव खरसाली खुशीमठ स्थित यमुना मंदिर में पूजा अभिषेक शुरू हो गया था. मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में सवा छह बजे मंदिर से मां यमुना की डोली बाहर लाई गई. मां यमुना की डोली अपने भाई शनि महाराज की डोली के साथ श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ धाम के लिए रवाना हुई.
यमुनोत्री में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़: जानकीचट्टी से पांच किमी का पैदल मार्ग तय कर डोली यात्रा यमुनोत्री धाम पहुंची. यहां मां यमुना की विशेष पूजा अर्चना संपन्न की गई. इसके बाद विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में ठीक 10:29 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस अवसर पर धाम पहुंचे श्रद्धालुओं ने गर्म जल कुंडों में स्नान कर मां यमुना के दर्शन किए.
चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव है यमुनोत्री: यमुनोत्री को चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव कहा जाता है. चार धामों की यात्रा हर साल अक्षय तृतीया से शुरू हो जाती है. यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री फिर केदारनाथ और आखिर में श्री बदरीनाथ धाम पर पूरी होती है. मां यमुना का पवित्र धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है. यहां से एक किलोमीटर दूर स्थित चंपासर ग्लेशियर है, जो यमुना का मूल उद्गम स्थल है. ग्लेशियर की ऊंचाई 4 हजार 421 मीटर है. जिसे कलिंद पर्वत कहा जाता है. यहीं से उद्गम होने के कारण यमुना नदी को कालिंदी भी कहते हैं.