150 लोग सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट
उत्तरकाशी: यमुनाघाटी में खतरे की घंटी बज गई है। स्यानाचट्टी के पास गढग़ाड़ नाले से अचानक भारी मलबा और पानी यमुना नदी में आने से कृत्रिम झील बन गई है। झील के कारण नदी का प्रवाह बाधित हो गया और निचले इलाकों में बसे कई घरों व होटलों की निचली मंजिलें जलमग्न हो गईं। हालात गंभीर होते देख प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, फायर सर्विस, सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उप जिलाधिकारी बड़कोट स्वयं घटनास्थल पर मौजूद रहकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। एहतियातन प्रशासन ने आसपास के गांव—ओजरी, पूजारगांव, पाली गांव, खराड़ी, कुथनौर और स्यानाचट्टी—को अलर्ट पर रखा है। जानकारी के अनुसार, स्याना मोटर पुल से लगभग 200 मीटर आगे कुपड़ा गाड़ से लगातार बरसाती मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर यमुना नदी में गिर रहे हैं। इस कारण नदी की धारा अवरुद्ध हो गई और विशाल झील का रूप ले लिया। फिलहाल झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पानी स्यानाचट्टी मोटर पुल तक पहुंचने की स्थिति में है। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। गौरतलब है कि इससे पहले भी इसी स्थान पर कृत्रिम झील बनी थी, तब सिंचाई विभाग ने नदी के मुहाने को पंचर कर मैनुअल तरीके से पानी बहाया था। अब एक बार फिर झील का जलस्तर बढऩे से स्थानीय निवासियों और कारोबारियों की चिंता गहरी हो गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए गए लोग – लगभग 150
- झील में जलमग्न होटल – पहली मंजिल तक पानी
- अलर्ट पर रखे गए गांव – ओजरी, पूजारगांव, पाली गांव, खराड़ी, कुथनौर और स्यानाचट्टी
- मुख्य खतरा – नदी का प्रवाह बाधित, मोटर पुल तक बढ़ता जलस्तर
- राहत टीमें – स्ष्ठक्रस्न, हृष्ठक्रस्न, पुलिस, फायर सर्विस, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग
