Tuesday, August 26, 2025
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उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी में यमुना में बनी झील में लोगों का प्रदर्शन

उत्तरकाशी: स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील से परेशान प्रभावित लोगों ने पानी में उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उनका साफ कहना है कि यदि पहले से बनी झील को उसी दौरान समय रहते साफ कर दिया होता और नदी को ठीक से चैनलाइज किया गया होता तो आज यह भयावह स्थिति पैदा नहीं होती. आज उनका सब कुछ पानी में डूब गया है. जिसके चलते उन्हें दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी है.

प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों ने बताया कि बीती 28 जून की रात को भी यहां अस्थायी झील बनी थी, लेकिन उसे हल्के में लिया गया और समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया, जिसके चलते आज स्थिति विकराल हुई है. जिसका सामना स्थानीय लोगों को करना पड़ रहा है. यही वजह है कि आज गुस्से में आकर झील के जमा पानी में उतरकर यमुनोत्री हाईवे पर बने पुल के पास प्रदर्शन किया. जिससे प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए.

यमुनोत्री धाम समेत गीठ पट्टी के 12 गांवों का कटा संपर्क: वहीं, यमुनोत्री हाईवे पर स्थित स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील से यमुनोत्री धाम समेत गीठ पट्टी के 12 गांवों के करीब 8000 ग्रामीणों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है. स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील के कारण मोटर पुल और कुछ सड़क का हिस्सा जलमग्न होने से क्षेत्र की आवाजाही बंद हो गई है.

कल से स्यानाचट्टी में मोटर पुल करीब 5 फीट यमुना नदी में डूबा हुआ है. जिससे कल शाम को राहत बचाव कार्य के सिस्टम प्रभावित क्षेत्र स्यानाचट्टी नहीं पहुंच पाए. हालांकि, झील को सामान्य करने को लेकर सिंचाई विभाग, एनएच, लोनिवि के अलावा एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद हैं.

LAKE IN SYANACHATTI

स्यानाचट्टी में झील से जमा पानी में जाकर प्रदर्शन करते लोग 

स्यानाचट्टी में झील बनने से स्कूल जलमग्न, पढ़ाई हुई प्रभावित: स्यानाचट्टी में झील बनने की वजह से स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो गई है. स्यानाचट्टी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 50 बच्चों को स्कूल न आने को कहा गया है. जबकि, गंगनानी में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की करीब 150 बालिकाओं को सुरक्षा के लिहाज से अन्य जगहों पर होटल में शिफ्ट किया गया है.

UTTARKASHI YAMUNA RIVER LAKE

स्यानाचट्टी में कैसे बनी झील

“स्यानाचट्टी में जलस्तर सामान्य हो जाने के बाद दोनों स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो बच्चों को ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाया जाएगा.”– बीएस चौहान, खंड शिक्षा अधिकारी

वहीं, स्यानाचट्टी में झील के कारण 3 सरकारी विभागों समेत 32 होटल, आवासीय भवन, ढाबे प्रभावित हुए हैं. इस चट्टी में विभिन्न व्यवसायों से करीब 60 परिवारों की आजीविका से जुड़ी हुई है. क्योंकि, यह यमुनोत्री धाम का अहम पड़ाव भी है. यहां से आगे रानाचट्टी है फिर जानकीचट्टी आती है. इसके बाद खरसाली आता है. जहां 5 किमी की पैदल यात्रा कर यमुनोत्री धाम पहुंचा जा सकता है.

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