Saturday, July 5, 2025
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माणा एवलांच: रेस्क्यू पूरा आज मिले 4 शव, हादसे में 8 मजदूरों की गई जान

चमोली (उत्तराखंड): भारत के प्रथम गांव माणा में 28 फरवरी के दिन एवलॉन्च ने भीषण तबाही मचाई. इस एवलॉन्च में 54 मजदूर फंस गए, जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. राहत बचाव कार्य के दूसरे दिन 50 मजदूरों को निकाला गया. जिसमें से 46 का उपचार किया जा रहा है, जिसमें से 2 मरीजों को एम्स रेफर किया गया है. जबकि, हादसे में अभी तक 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है. वहीं, तीसरे दिन ग्लेशियर मलबे में दबे 4 शव मिले.

वहीं, चमोली माणा एवलॉन्च में फंसे सभी 54 मजदूरों का रेस्क्यू किया जा चुका है. जिसमें 8 मजदूरों की मौत हो चुकी है. आज लापता मजदूरों की खोज के लिए एसडीओरएफ (SDRF) की एक विशेषज्ञ टीम को विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (VLC) एवं थर्मल इमेज कैमरा के साथ सहस्त्रधारा से हेलीकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना किया गया. इन उपकरणों (विक्टिम लोकेटिंग कैमरा एवं थर्मल इमेज कैमरा) की सहायता से सर्चिंग का कार्य किया गया.

मृतकों के नाम और पता: 1 मार्च को 4 मजदूरों की डेडबॉडी मिली. जिनकी पहचान जितेंद्र सिंह निवासी बिलासपुर (उत्तर प्रदेश), मोहिंद्र पाल निवासी कांगड़ा (हिमाचल), मंजीत यादव निवासी सरवन (उत्तर प्रदेश), अलोक यादव निवासी कानपुर (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई. रविवार को 4 मजदूरों के शव मिले. जिनकी पहचान अनिल कुमार पुत्र ईश्वरी दत्त (उम्र 21 वर्ष) निवासी रुद्रपुर, उधम सिंह नगर (उत्तराखंड), अशोक पुत्र रामपाल (उम्र 28 वर्ष) निवासी फतेहपुर (उत्तर प्रदेश), हरमेश चंद पुत्र ज्ञानचंद (उम्र 30 वर्ष) निवासी ऊना (हिमाचल प्रदेश) और अरविंद निवाली देहरादून (उत्तराखंड)के रूप में हुई.

बिना बताए घर गया एक मजदूर: गौर हो कि बीते दिन पांच मजदूरों को खोजने के लिए रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन पता चला कि एक हिमाचल का मजदूर बिना बताए घर चला गया था. सुनील कुमार हिमाचल कांगड़ा का रहने वाला है, जिसके परिवार ने संपर्क करने पर उसके घर पहुंचने की पुष्टि की है. जिसके बाद आज बाकी मजदूरों के लिए रेस्क्यू चलाया गया.

बीते दिन सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्र माणा पहुंचकर हालातों का जायजा लिया था. साथ ही उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए. वहीं,, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी राहत-बचाव कार्य पर नजर बनाए हुए हैं. बीते दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पीएम मोदी ने माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली.

स्निफर डॉग्स की भी ली गई मदद: लापता कर्मचारियों की तलाश और बचाव अभियान में तैनाती के लिए भारतीय वायुसेना युद्ध स्तर से जुटी. रेस्क्यू के लिए ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को हवाई मार्ग से भेजा गया. साथ ही सेना की जीपीआर रडार, ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार मंगवाए गए. कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डॉग्स की भी मदद ली गई. आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन प्रभावित इलाके में रेस्क्यू अभियान में जुटे रहे.

हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान: हिमस्खलन के बाद मार्ग बाधित होने के बाद रेस्क्यू के लिए हेली की मदद ली गई. 6 हेलीकॉप्टरों को रेस्क्यू में लगाया गया. जिसमें भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेली और भारतीय सेना की ओर से किराए पर लिया गया. एक नागरिक हेलीकॉप्टर को भी शामिल किया गया.

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