उत्तराखंड के 11 स्टेशन पुनर्विकास योजना में शामिल
ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना में तेज़ी
देहरादून: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि 170 किमी लंबी टनकपुर–बागेश्वर नई रेल लाइन का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹48,692 करोड़ है। हालांकि, इसमें यातायात संभावनाएं अपेक्षाकृत कम हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि डीपीआर के बाद परियोजना की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय सहित विभिन्न स्तरों से मंजूरी आवश्यक है। चूंकि परियोजना अनुमोदन की प्रक्रिया सतत एवं गतिशील है, इसलिए निश्चित समय-सीमा तय करना संभव नहीं है।
उन्होंने जानकारी दी कि उत्तराखंड में रेल अवसंरचना के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2009–14 के दौरान जहां औसतन ₹187 करोड़ प्रति वर्ष का बजट था, वहीं 2025–26 में यह बढ़कर ₹4,641 करोड़ हो गया है। 01 अप्रैल 2025 तक राज्य में 216 किमी लंबाई की तीन नई रेल लाइनें ₹40,384 करोड़ की लागत से स्वीकृत की जा चुकी हैं।
रेल मंत्रालय के अनुसार, देवबंद–रुड़की नई रेल लाइन (27 किमी) पूरी हो चुकी है, जिससे दिल्ली–देहरादून की दूरी लगभग 40 किमी कम हो जाएगी। वहीं ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन (125 किमी) परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है।
प्रस्तावित 16 मुख्य सुरंगों में से 13 और 12 एस्केप सुरंगों में से 9 पूरी हो चुकी हैं। साथ ही सभी 8 एडिट्स का कार्य पूरा हो चुका है। कुल 213 किमी सुरंग निर्माण में से 199 किमी का कार्य पूरा हो गया है।
इसके अलावा, राज्य के 11 रेलवे स्टेशनों – देहरादून, हरिद्वार जं., हर्रावाला, काशीपुर जं., काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं जं., रामनगर, रुड़की और टनकपुर – को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के लिए चुना गया है।
रेल मंत्रालय ने यह भी बताया कि वर्ष 2014–25 के बीच 106 रोड ओवरब्रिज/रोड अंडरब्रिज बनाए गए, जबकि ₹158 करोड़ की लागत से 9 और ब्रिज स्वीकृत किए गए हैं।