अपर सत्र न्यायाधीश रीना नेगी का अंकिता भंडारी मर्डर में सुनाया गया फैसला
कोटद्वार: बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में अपर सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। सितंबर 2022 में अंकिता की हत्या के बाद सीएम धामी ने एसआईटी जॉच के आदेश दिए थे। एसआईटी ने लम्बी जांच के बाद तीनों अभियुक्तों को अंकिता की हत्या में दोषी पाया।विद्वान न्यायाधीश ने 160 पेज में पूरी घटना का विवरण, कोर्ट की गवाही और फैसले को जगह दी। 30 मई को कोटद्वार कोर्ट में अपर सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने फैसला सुनाया। फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ गयी। भाजपा ने इसे ऐतिहासिक फैसला करार दिया। जबकि कांग्रेस ने कहा कि अभियोजन पक्ष को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
अदालत का मूल आदेश
अभियुक्त पुलकित आर्य को सत्र परीक्षण संख्या-01/2023, अपराध सं. 01/2022, थाना/पट्टी उदयपुर पल्ला-2, जिला पौड़ी गढ़वाल के प्रकरण में धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में कठोर आजीवन कारावास तथा 50,000/- (पचास हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त पुलकित आर्य को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त पुलकित आर्य को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 354क, भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में दो वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 01 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त पुलकित आर्य को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 5(1) (घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 2,000/- (दो हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त सौरभ भास्कर को सत्र परीक्षण संख्या-01/2023. अपराध सं. 01/2022, थाना/पट्टी उदयपुर पल्ला-2, जिला पौड़ी गढ़वाल के प्रकरण में धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में कठोर
आजीवन कारावास तथा 50,000/- (पचास हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त सौरभ भास्कर को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त सौरभ भास्कर को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 5(1) (घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 2,000/- (दो हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को सत्र परीक्षण संख्या-01/2023, अपराध सं. 01/2022, थाना/पट्टी उदयपुर पल्ला-2. जिला पौड़ी गढ़वाल के प्रकरण में धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में कठोर आजीवन कारावास तथा 50,000/- (पचास हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 5 (1) (घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 2,000/- (दो हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को
02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
धारा 357क दं०प्र०सं० के तहत् कुल चार लाख रूपये मृतका के माता-पिता श्री वीरेन्द्र सिंह भण्डारी एवं श्रीमती सोनी देवी बतौर प्रतिकर प्राप्त करने के अधिकारी होंगे। इस मामले में यदि उनके द्वारा उत्तराखण्ड सरकार से बतौर बतौर अंतरिम प्रतिकर राशि पूर्व में प्राप्त की गयी है, तो वह प्रतिकर राशि में समायोजित होगी।
माल मुकदमा, अपील की अवधि तक संरक्षित किया जाएगा।
दोषसिद्धगण के द्वारा पूर्व में जेल में व्यतीत की गयी अवधि, उपरोक्त सजा में समायोजित होगी।
दोषसिद्धगण का सजायावी वारण्ट संबंधित जिला कारागार में भेजा जाए।
निर्णय/आदेश की एक-एक प्रति मय माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नोटिफिकेशन नंबर-03/UHC/Admin.B/v.a-2/2025 Dated 10-02-2025 में पारित आदेश के अनुपालन में निःशुल्क विधिक सहायता कवरशीट अभियुक्तगण को निःशुल्क प्रदान की जाए।
इस निर्णय व दण्डादेश की प्रति संबंधित जिला कारागार पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी एवं देहरादून एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पौड़ी गढ़वाल को प्रेषित की जाए। यह पत्रावली बाद आवश्यक कार्यवाही नियमानुसार दाखिल दफ्तर हो।
थाना/पट्टी उदयपुर पल्ला 2. जिला पौड़ी गढवाल के प्रकरण में धारा 302 भारतीय दण्ड सिं हता के अपराध में कठोर आजीवन कारावास तथा 50,000/- (पचास हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त पुलकित आर्य को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। साधारण
अभियुक्त पुलकित आर्य को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 354 क, भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में दो वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 01 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त पुलकित आर्य को उप. रोक्त सत्र परीक्षण में धारा 5 (1) (घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 2,000/- (दो हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अति. रिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

अभियुक्त सौरभ भास्कर को सत्र परीक्षण संख्या-01/2023, अपराध सं. 01/2022, थाना/पट्टी उदयपुर पल्ला-2, जिला पौड़ी गढ़वाल के प्रकरण में धारा 302 भारतीय दण्ड सं.ि हता के अपराध में कठोर आजीवन कारावास तथा 50,000/- (पचास हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त सौरभ भास्कर को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। साधारण
अभियुक्त सौरभ भास्कर को उप. रोक्त सत्र परीक्षण में धारा 5 (1) (घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 2,000/- (दो हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अति. रिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को सत्र परीक्षण संख्या-01/2023, अपराध सं. 01/2022, थाना / पट्टी उदयपुर पल्ला-2, जिला पौड़ी गढ़वाल के प्रकरण में धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में कठोर आजीवन कारावास तथा 50,000/- (पचास हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को एक वर्ष के अति. रिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 10,000/- (दस हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियुक्त अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को उपरोक्त सत्र परीक्षण में धारा 5 (1) (घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अपराध में पांच वर्ष का कठोर कारावास तथा 2,000/- (दो हजार) रूपये के जुर्माने से दण्डित किया जाता है। जुर्माना जमा न करने की दशा में अभियुक्त को 02 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
धारा 357क दं०प्र०सं० के तहत् कुल चार लाख रूपये मृतका के माता-पिता श्री वीरेन्द्र सिंह भण्डारी एवं श्रीमती सोनी देवी बतौर प्रतिकर प्राप्त करने के अधिकारी होंगे। इस मामले में यदि उनके द्वारा उत्तराखण्ड सरकार से बतौर बतौर अंत. रिम प्रतिकर राशि पूर्व में प्राप्त की गयी है, तो वह प्रतिकर राशि में समायोजित होगी। माल मुकदमा, अपील की अवधि तक संरक्षित किया जाएगा। दोषसिद्धगण के द्वारा पूर्व में जेल में व्यतीत की गयी अवधि, उपरोक्त सजा में समायोजित होगी।
दोषसिद्धगण का सजायावी वारण्ट संबंधित जिला कारागार में भेजा जाए। निर्णय / आदेश की एक-एक प्रति मय माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नोटिफिकेशन नंबर-03/UHC/Admin.B/v.a-2/2025 Dated 10-02-2025 में पारित आदेश के अनुपालन में निःशुल्क विधिक सहायता कवरशीट अभियुक्तगण को निःशुल्क प्रदान की जाए।
इस निर्णय व दण्डादेश की प्रति संबंधित जिला कारागार पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी एवं देहरादून एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पौड़ी गढ़वाल को प्रेषित की जाए। यह पत्रावली बाद आवश्यक कार्यवाही नियमानुसार दाखिल दफ्तर हो।
देखें मूल आदेश




