Thursday, November 13, 2025
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आयुर्वेद विश्वविद्यालय को वेतन-भत्तों के लिए 13.10 करोड़ स्वीकृत

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देखें आदेश, वित्तीय अनुशासन व नियमपालन के कड़े निर्देश

शासन ने दी धनराशि जारी करने की स्वीकृति

देहरादून: उत्तराखण्ड शासन के आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के लिए वेतन-भत्तों आदि के मद में ₹13.10 करोड़ (तेरह करोड़ दस लाख रुपये मात्र) की द्वितीय किस्त जारी कर दी है। अनु सचिव ज्योति सिंह द्वारा निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखण्ड को भेजे गए पत्र में यह धनराशि विश्वविद्यालय के वेतन मदों के अंतर्गत व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं।

शासनादेश के अनुसार यह स्वीकृति वित्त विभाग की सहमति से प्रदान की गई है। साथ ही, शासन ने धनराशि के उपयोग को लेकर कई सख्त शर्तें भी लगाई हैं। इनमें विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार के गलत या अतिरिक्त वेतन निर्धारण की स्थिति में संबंधित अधिकारियों से वसूली सुनिश्चित करना, कुलपति, कुलसचिव एवं CAS का लाभ लेने वाले कार्मिकों को अग्रिम आदेशों तक वेतन न दिए जाने का निर्देश शामिल है।

इसके अलावा, केवल शासन द्वारा स्वीकृत पदों पर नियमित प्रक्रिया से नियुक्त कर्मचारियों को ही वेतन भुगतान करने, स्वीकृत धनराशि से अधिक व्यय न करने, एवं मितव्ययता अपनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूर्व में जारी धनराशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी।

आदेश में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय में नियमविरुद्ध पदोन्नति या विनियमितीकरण करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई और अतिरिक्त वेतन की वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। वित्त विभाग द्वारा जारी सभी पूर्व और वर्तमान निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।

देखें आदेश

सेवा में,

निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें, उत्तराखण्ड, देहरादून।

आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग

देहरादूनः दिनांक 06 नवम्बर, 2025

विषयः

वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हेतु मानक 05-वेतन भत्ते आदि के लिए धनराशि अवमुक्त किये जाने सम्बन्धी ।

महोदय,

उपर्युक्त विषयक मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की स्थापना के मानक मद 05-वेतन भत्ते आदि के लिए सहायक अनुदान हेतु आय-व्ययक में प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष द्वितीय किस्त के रूप में रू0 13.10 करोड़ (रूपये तेरह करोड़ दस लाख मात्र) की धनराशि अवमुक्त कर आपके निवर्तन पर रखते हुए वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा निर्धारित निम्नलिखित शर्तों / प्रतिबन्धों के अधीन व्यय किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं-

  1. उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कार्मिकों के वेतन में किसी भी प्रकार का अतिरिक्त या गलत निर्धारण होने पर उसकी वसूली सबंधित से करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

II. उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में तैनात कुलपति और कुलसचिव एवं CAS का लाभ लेने वाले कार्मिकों का वेतन अग्रिम आदेशों तक किसी भी दशा में भुगतान नहीं किया जाये।

iii. उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नियमित प्रक्रिया का पालन करते हुए शासन द्वारा स्वीकृत पदों के सापेक्ष नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए तैनात नियमित कार्मिकों को शासन द्वारा निर्धारित वेतन ही दिया जाये।

iv. स्वीकृत धनराशि का व्यय वास्तविक व्यय के आधार पर ही किया जाएगा, तथा अतिरिक्त बजट की प्रत्याशा मे अधिकृत धनराशि से अधिक धनराशि कदापि व्यय नहीं की जायेगी। वेतन मदों के अतिरिक्त शेष मदो में मितव्ययता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल शीर्षक / मदवार बचत की कार्य योजना बना ली जाय।

v. उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अधीन वित्त विभाग/ शासन द्वारा उल्लिखित कतिपय कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए उनके विनियमितकरण को तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हए नियमविरूद्ध प्रदान किये समस्त लाभ को भी तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए सबंधित कार्मिक को वेतन के रूप में प्रदान की गई अतिरिक्त धनराशि की वसूली करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

vi. उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय में कतिपय कार्मिकों के नियम विरूद्ध किये गए विनियमितीकरण हेतु सम्बन्धित अधिकारियो/कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही तथा अतिरिक्त वेतन वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित् करेगा।

vii. उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय में उपनल के माध्यम से तैनात कार्मिको की नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति हेतु सम्बन्धित अधिकारियो / कार्मिकों के विरूद्ध

नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही तथा वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित् करेगा।

viii. विश्वविद्यालय हेतु धनराशि अवमुक्त करने सम्बन्धी प्रकरण में वित्त विभाग / शासन द्वारा वर्तमान तथा पूर्व में जारी समस्त निर्देशो का अनुपालन सुनिश्चित् किया जाएगा।

ix. धनराशि की अगली किस्त उसी दशा में अवमुक्त की जायेगी जब पूर्व में जारी समस्त स्वीकृत धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जायेगा।

x. वित्त विभाग/ शासन द्वारा निर्गत समस्त सुसंगत वित्तीय नियमो / प्रक्रियाओ / शासनादेशो का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

xi. अवमुक्त की जा रही धनराशि उसी कार्य के सापेक्ष व्यय की जायेगी, जिसके लिए धनराशि स्वीकृत की जा रही है।

xii. मा० उच्च न्यायालय में योजित रिट याचिका 2123/2024 (एसएस), 1350/2025 (एसबी) तथा योजित रिट याचिका 396/2025 (एसबी) समक्ष प्रभावी पैरवी सुनिश्चित् की जाए। योजित रिट याचिका मे मा० न्यायालय के

xiii. एक मद की धनराशि दूसरे मद में कदापि व्यय न की जाये। मद परिवर्तन का अधिकार विभाग के पास नही होगा।

xiv. विश्वविद्यालय हेतु धनराशि अवमुक्त करने सम्बन्धी प्रकरण में वित्त विभाग द्वारा वर्तमान तथा पूर्व मे जारी समस्त निर्देशो का अनुपालन सुनिश्चित् किया जाएगा।

xv. उपरोक्त वर्णित शर्तों का अनुपालन करने के पश्चात ही वित्त विभाग / शासन द्वारा धनराशि की अगली किस्त प्रदान करने पर विचार किया जाएगा। अनुपालन न किये जाने की स्थिति में समस्त दायित्व उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव का होगा।

2-उक्त व्यय चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत अनुदान सख्या 12 के लेखाशीर्षक-2210-चिकित्सा तथा लोक स्वास्थ्य, 02-शहरी स्वास्थ्य सेवाएं अन्य चिकित्सा पद्धतिया 101-आयुर्वेद, 11 आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय को सहायता, 00-आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय की स्थापना के मानक मद 05 वेतन भत्ते आदि के लिए सहायक अनुदान के नामें डाला जायेगा।

3-उपरोक्त स्वीकृति / बजट आवंटन वित्त विभाग के शासनादेश सख्या-130/XXVII (6)/430/एक /2008/2019 दिनांक 29.03.2019 द्वारा विहित व्यवस्था के क्रम मे एकीकृत वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली (IFMS) पोर्टल के माध्यम से सलग्नानुसार निर्गत विशिष्ट नम्बर / अलॉटमेन्ट आई०डी० द्वारा निर्गत किये जा रहे है।

4-यह आदेश वित्त (व्यय नियंत्रण) अनुभाग-3 की कम्प्यूटरजनित क्रमाक-1/341702/2025, दिनाक 02 नवम्बर, 2025 में प्रदत्त सहमति के क्रम में जारी किये जा रहे हैं।

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