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देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने प्रदेश की 25 वर्षों की विकास यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लिए गए जनहितकारी और ऐतिहासिक निर्णयों की प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान निर्माताओं की भावना के अनुरूप उत्तराखंड द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया जाना न केवल एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि यह राष्ट्र की एकता और न्याय की भावना को भी सशक्त करता है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुरूप नागरिकों के लिए समानता और पारदर्शिता की दिशा में एक मिसाल है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भी विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व के अवसर प्रदान करने में सराहनीय कार्य किया है। राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री धामी सरकार द्वारा पारदर्शिता, सुशासन और सामाजिक न्याय की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नकल विरोधी कानून, लोकायुक्त विधेयक और भूमि व्यवस्था कानून जैसे कदमों ने उत्तराखंड को सुशासन की दिशा में अग्रणी बनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन के क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रपति जी का सम्पूर्ण जीवन संघर्ष, समर्पण और राष्ट्रसेवा का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि महामहिम का उत्तराखंड विधानसभा में दिया गया यह ऐतिहासिक उद्बोधन राज्य के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा समान नागरिक संहिता, महिला सशक्तिकरण और राज्य में हो रही प्रगति की सराहना, उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व का विषय है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और राष्ट्रपति जी के आशीर्वाद से उत्तराखंड को एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति जी के प्रेरक शब्द आने वाले वर्षों में प्रदेश को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह रजत जयंती वर्ष उत्तराखंड की नई ऊंचाइयों की शुरुआत है जहाँ “संविधान का सम्मान, समान अधिकार” और “महिलाशक्ति का सशक्तिकरण” राज्य की विकास यात्रा का आधार बनेगा।
