देहरादून: साल 2024-2025 वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने में देहरादून नगर निगम ने बकायेदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. इस बार नगर निगम ने 60 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा है. यही वजह है कि आम जनता से वसूली को लेकर अभियान तेज कर दिया है तो सरकारी संस्थानों के खिलाफ भी नोटिस जारी करने जा रहा है. ऐसे में 31 मार्च तक बकाया न चुकाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, शहर में 10 ऐसे संस्थान हैं, जिन पर करोड़ों रुपए का बकाया है. जिसमें देहरादून का नामी बड़ा अस्पताल भी है. इस पर करीब 12 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है. जिसने अब तक जमा नहीं किया है. ऐसे में नगर निगम ने अस्पताल के खिलाफ भी बकाये को लेकर रिमाइंडर भेजा है.
दून में 1 लाख 20 हजार करदाता: उत्तराखंड के सबसे बड़े नगर निगम देहरादून में करीब 1 लाख 20 हजार करदाता हैं. जिसमें कमर्शियल और प्राइवेट संस्थान के साथ ही घर शामिल हैं. साल 2024-2025 का वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना चल रहा है. ऐसे में नगर निगम ने हाउस टैक्स वसूली के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
आम जनता को हाउस टैक्स जमा करने पर 20 फीसदी छूट का ऑफर: जहां आम जनता को हाउस टैक्स जमा करने पर 20 फीसदी की छूट दी जा रही है तो वहीं लंबे समय से बकायेदारों के खिलाफ अब सख्ती बरतने की तैयारी की जा रही है. निगम ने सभी बकायेदारों को 31 मार्च तक का रिमाइंडर भेज दिया है. इसके बाद कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.

बड़े अस्पताल पर 12 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया: वहीं, हैरान करने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के भी कई विभाग शामिल हैं, जिन पर करोड़ों का बकाया है. वहीं, दून का सबसे नामी अस्पताल ने साल 2016-17 से अब तक नगर निगम में टैक्स ही नहीं दिया है.
इस कारण इस अस्पताल का अब तक करीब 12 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है. साथ ही इसके अलावा भी तमाम सरकारी संस्थान भी हैं, जिन पर लाखों रुपए का बकाया है और अब तक टैक्स जमा नहीं किया है.
इन विभागों और संस्थानों पर नगर निगम का बकाया-
- सर्वे ऑफ इंडिया पर 4 करोड़ रुपए का बकाया है.
- महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज पर 1 करोड़ 40 लाख रुपए का बकाया है.
- यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) पर 1 करोड़ 96 लाख रुपए का बकाया है.
- एफआरआई (फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) पर 2 करोड़ रुपए का बकाया है.
- जिला जज कार्यालय पर 82 लाख रुपए का बकाया है.
- विधायक हॉस्टल पर 67 लाख रुपए का बकाया है.
- ऑफिसर ट्रांजिट हॉस्टल पर 32 लाख रुपए का बकाया है.
- उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पर 44 लाख 35 हजार रुपए का बकाया है.
- पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर 14 लाख रुपए का बकाया है.
- रोजगार कार्यालय पर 16 लाख 29 हजार रुपए का बकाया है.
- आंचल डेयरी पर 35 लाख 89 हजार रुपए का बकाया है.
- रीगल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, आईटी पार्क पर 28 लाख 23 हजार रुपए का बकाया है.
देहरादून नगर निगम वसूल चुका 45 करोड़ रुपए: देहरादून नगर निगम का कहना है कि उनका टारगेट 60 करोड़ रुपए की वसूली का है. जिसमें अब तक 45 करोड़ रुपए ही जमा हुआ है. बाकी 15 करोड़ की रिकवरी के लिए निगम ने चार टीमें मैदान में उतार दी हैं. साथ ही अब तक 65 हजार करदाता ने टैक्स जमा कर दिया है. अब तक करीब 45 करोड़ रुपए का राजस्व जमा हो चुका है.
31 मार्च तक भुगतान न करने वालों पर लगेगा जुर्माना: जिन्होंने अब तक टैक्स जमा नहीं किया है, उनको अब व्हाट्सएप के साथ नोटिस भेजे जा रहे हैं. बकायेदारों को आगामी 31 मार्च तक भुगतान करने के लिए रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं. साथ ही लंबे समय से भुगतान न करने पर आरसी जारी कर जुर्माने के साथ वसूली की जाएगी.
व्हाट्सएप से भेजे जा रहे रिमाइंडर: वहीं, नगर निगम की ओर से पहली बार बकायेदारों को व्हाट्सएप के माध्यम से ऑनलाइन बिल भेज कर भुगतान का रिमाइंडर दिया जा रहा है. जिसका परिणाम नगर निगम को पॉजिटिव मिल रहा है. नगर निगम की ओर से व्हाट्सएप पर करीब 50 हजार बकायेदारों को व्हाट्सएप बिल भेजा गया है. जिसके नतीजा ये रहा कि नगर निगम के पोर्टल पर पिछले 9 महीने में करीब 41 लाख रुपए का राजस्व आया.
महज 17 दिनों में जमा हुआ 53 लाख रुपए का राजस्व: व्हाट्सएप पर पिछले 17 दिनों में नोटिस भेजना शुरू किया गया था. जिसमें अब 17 दिनों में नगर निगम के पास करीब 53 लाख रुपए का राजस्व जमा हो चुका है. वहीं, नगर आयुक्त नमामि बंसल ने बताया कि व्हाट्सएप पर बिल भेजने का सबसे ज्यादा फायदा छोटे बकायेदारों को मिला है.