देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती उत्सव मनाया जा रहा है. इसके तहत विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया गया है. सत्र के पहले दिन खास झलकियां नजर आई. जहां एक तरफ सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में हुई तो वहीं विधानसभा सत्र की रौनक देखते ही बन रही थी. दुल्हन की तरह फूलों से सजे विधानसभा खूबसूरत नजर आया. जबकि, विधानसभा में पहुंचे तमाम विधायक अपने-अपने क्षेत्र के पारंपरिक वेशभूषा में सदन पहुंचे.
पारंपरिक पहनावे में नजर आईं महिला विधायक: देहरादून स्थित विधानसभा भवन में आहूत विशेष सत्र में कई विधायकों की वेशभूषा पूरे उत्तराखंड की विभिन्न भौगोलिक लोक परंपराओं को दर्शाने का काम कर रही थी. खासकर विधानसभा के भीतर महिला विधायकों की ओर से अपने पारंपरिक पहनावे में उपस्थित होना, इस विधानसभा सत्र को चार चांद लगाने का काम कर रहा था.
पहाड़ी संस्कृति के साथ पारंपरिक वेशभूषा में नजर आईं महिला विधायक: नैनीताल से विधायक सरिता आर्या कुमाऊंनी पिछौड़ा पहनकर विधानसभा पहुंची तो वहीं केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल भी अपनी ठेठ पहाड़ी वेशभूषा व आभूषण के साथ पहुंचीं. इसके अलावायमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट भी पहाड़ी संस्कृति के साथ वेशभूषा में नजर आईं.
पारंपरिक वस्त्रों में विधानसभा पहुंचे पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल: केवल महिलाओं ने ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड के सुदूर मोरी और रवांई क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल भी अपने पारंपरिक वस्त्रों में विधानसभा पहुंचे. जबकि, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी खुद भी पहाड़ी पिछौड़ा और पौंजी के साथ सदन के भीतर मौजूद रहीं.
पारंपरिक परिधान में महिला विधायकों की सांस्कृतिक मौजूदगी गौरव का विषय: अन्य महिला विधायकों के पारंपरिक पोशाक पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि निश्चित तौर से उत्तराखंड राज्य की 25वीं वर्षगांठ है. यह हम सबके लिए उत्सव का मौका है. यह हमारे लिए एक त्योहार है. यह हमारी पुरानी परंपरा रही है कि हम सब बहनें अपने त्योहार पर सजती हैं.

अपने पारंपरिक रीति रिवाज और अपने क्षेत्रीय संस्कृति को परिलक्षित करने वाले पोषक पहनते हैं. ऐसे में निश्चित तौर से आज के विधानसभा सत्र में सभी महिला विधायकों की यह गरिमामयी सांस्कृतिक मौजूदगी उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है. वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड में नारी सशक्तिकरण के प्रयासों की सराहना की. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में महिला शिक्षा के विस्तार पर भी चर्चा की.
