देहरादून: उत्तराखंड में आयुष्मान और अटल आयुष्मान योजना के जरिए जनता को मिलने वाले निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही अस्पतालों को समय पर भुगतान किए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नया निर्णय लिया है. जिसके तहत अब आयुष्मान और अटल आयुष्मान योजना को इंश्योरेंस मोड पर संचालित किया जाएगा. हालांकि, इससे जनता के इलाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन अस्पतालों को समय पर भुगतान हो सकेगा. इसी तरह गोल्डन कार्ड योजना को हाइब्रिड मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है. इस गोल्डन कार्ड धारकों से हर साल लिए जाने वाले अंशदान में करीब 250 से 450 रुपए तक की बढ़ोतरी की संभावना है.
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि आयुष्मान और अटल आयुष्मान योजना को शत- प्रतिशत इंश्योरेंस के जरिए संचालित किया जाएगा. हालांकि, इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार ही वहन करेगी, लेकिन अस्पतालों को पैसा, इंश्योरेंस और थर्ड पार्टी एजेंसी के जरिए दी जाएगी. इसी तरह गोल्डन कार्ड को हाइब्रिड मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत 5 लाख रुपए तक के क्लेम को इंश्योरेंस के जरिए संचालित किया जाएगा और पांच लाख रुपए से अधिक के क्लेम ट्रस्ट मोड यानी पहले से चली आ रही योजना के जरिए संचालित किया जाएगा.
गोल्डन कार्ड धारकों के अंशदान में बढ़ोतरी: उन्होंने बताया कि गोल्डन कार्ड के जरिए हुए लोगों के इलाज का बकाया करीब 125 करोड़ रुपए है, जो राज्य सरकार वहन करेगी. इसके साथ ही गोल्डन कार्ड के लिए कर्मचारियों से लिए जाने वाले अंशदान में भी बढ़ोतरी की जाएगी. ऐसे में वर्तमान इन्फ्लेशन को देखते हुए कि कर्मचारियों से दिए जाने वाले अंशदान में करीब 250 से 450 रुपए तक की बढ़ोतरी की हो सकती है. क्योंकि, इस योजना के शुरू होने के बाद यानी पिछले 5 साल से अभी तक अंशदान में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है. पिछले साल ट्रायल बेस पर आयुष्मान और अटल आयुष्मान योजना के लिए आलियांज जनरल इंश्योरेंस और गोल्डन कार्ड के लिए यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी का चयन किया गया था. ऐसे में अब जब इसके लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है तो फिर से री-टेंडरिंग की जाएगी.
नियुक्ति की उम्र सीमा बढ़ी: उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली, 2025 के प्रख्यापन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. जिसके तहत प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए उम्र की सीमा पहले 50 साल थी, जिसे बढ़ाकर 62 साल कर दिया गया है. सुपर स्पेशलिटी सर्विसेस जो अभी विकसित हुई है और 16 अगस्त 2023 में जो नए एनएमसी के नॉर्म्स आए हैं, उसके अनुसार सुपर स्पेशलिटी सर्विसेस के लिए भी डिपार्टमेंट बनाए गए हैं. इसके अलावा, हल्द्वानी स्थित स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल में डायरेक्टर, प्रोफेसर, एसोसिएट असिस्टेंट प्रोफेसर समेत चार पदों का सृजन किया गया है.
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे कुल 277 कर्मचारी, जिनको संविदा/दैनिक वेतन/नियत वेतन एवं प्रबंधन समिति के जरिए रखा गया था, उनको समान कार्य- समान वेतन का लाभ दिए जाने के लिए मंत्रिमंडल ने मंत्रिमंडल की उपसमिति को प्रस्ताव रेफर कर दिया है. वर्तमान समय में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 277 कर्मचारियों के लिए ही मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है. इसके साथ ही उत्तराखंड में ऐसे विशेषज्ञ डॉक्टर्स जो दुर्गम और अति दुर्गम क्षेत्र के साथ ही क्लीनिकल क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उनके वेतन मैट्रिक्स में 50 फीसदी अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया गया है.
